इतिहास में बहुत सारी बातें दर्ज़ होंगी जिसमें ये भी दर्ज होगा कि

इतिहास में बहुत सारी बातें दर्ज़ होंगी जिसमें ये भी दर्ज होगा कि


 


जब भारत में महामारी के कारण लाखों लोग पैदल अपने घरों को रवाना हो चुके थे और भूखे बेहाल सड़कों पर मर रहे थे तो हमारे नेतागण ट्विटर पर रामायण की तस्वीरें लगा रहे थे.


 


साथ में ये भी कि 


जब दुनिया के सारे नेता हर दिन पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे तब महान भारत देश के नेता रात के आठ बजे भाषण देकर लोगों के बारह बजा रहे थे. 


 


दर्ज होने वाली बातों में ये भी लिखा जाएगा कि जब हमारे प्रिय नेता ऐसा कर रहे थे तो एक बड़ी आबादी अपने टीवी और मोबाइलों पर गठरियां लेकर पलायन करते लोगों को देखकर मुस्कुरा रही थी और लिख रही थी कि किसी पत्रकार ने खबर चला दी और ये भेड़ बकरी की तरह घर से निकल पड़े. 


 


इन कुटिल मुस्कुराहटों के पीछे उनकी मेड (जिसे उन्होंने नौकरानी कहना बंद कर दिया था क्योंकि वो प्रोग्रेसिव थे) की आंखों से आंसू निकल रहे थे क्योंकि मालिक ने लॉकडाउन के बाद उसे अपने घर में बंद कर दिया था और कहा था कि अगर वो बाहर गई तो सैलरी काट ली जाएगी.


 


जब प्रिय नेता से पूछा गया (जो करने की हिम्मत किसी में थी नहीं ) कि लॉकडाउन से पहले लोगों को  अपने घरों को लौटने के लिए थोड़ा समय क्यों नहीं दिया गया तो नेता ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने लोगों को घर जाने के लिए विशेष विमानों का प्रबंध किया था और लोग घरों को लौट गए.


 


फिर ये सड़कों पर कौन हैं.


प्रिय नेता ने कहा कि ये मनुष्य नहीं हैं. इनकी चिंता न करें. 


इस बात पर मनुष्यों ने चुप्पी साधे रखी और चलते रहे निरंतर जैसे कि वो अफ्रीका से चले थे गर्मी छोड़ कर और यूरोप से लेकर पूरी दुनिया में फैल गए थे. उनकी जिजीविषा के आगे बीमारियों को भी झुकना पड़ा. वो जीना नहीं चाहते थे. वो अपनी मिट्टी में मरना चाहते थे. वो नहीं चाहते थे कि वो किसी शहर की किसी अनजान गली में मरें जहां उनकी लाश नगर निगम उठा कर ले जाए.


 


उन्हें भरोसा था अपनी मिट्टी पर कि वहां दो गज जमीन पर जब वो मर जाएंगे भूख से तो कोई उन्हें उठा कर फेंक नहीं देगा क्योंकि वो दो गज़ जमीन उनकी अपनी होगी. इन मनुष्यों ने बहुत सारी लड़ाईयां लड़ी थी जीने के लिए. पलायन करते हुए वो बस मरने की लड़ाई लड़ रहे थे.


 


प्रिय नेता को जब ये सब बताने की कोशिश की गई तो हम सबके प्रिय नेता ने एक सवाल पूछा. क्या आपने रामायण देखा है.


सबने समवेत उत्तर दिया- जी देव. 


तो फिर आप वानर सेना को भूल क्यों जाते हैं.


जी देव. वानर सेना क्या करेगी सड़कों पर.


देव तनिक मुस्कुरा कर बोले


वानर सेना ने थाली बजाई थी. वानर सेना अपने देव का बचाव करेगी. वानर सेना पूरी दुनिया को बताएगी कि हमने जो किया वही सही था क्योंकि वानर सेना को पता है कि मेरा वचन ही मेरा शासन है.


 


सभा में चुप्पी छा गई थी. लेकिन पीछे खड़े एक सांवले दुबले पतले मनुष्य ने जो किसी गलती से वहां पहुंच पाया था उसने जोर की आवाज़ लगाई.


हे देव


सबने उस मनुष्य (गरीब) की ओर देखा तो वो ज़ोर से चिल्लाया.


 


हे देव.....आप मर क्यों नहीं जाते.


जय जनरखवाला।